Gigai Mata
Gigai Mata Indokha @गीगाई माता के दोहे जो सालों से लोगों के मुंख पर है जो माता जी के सेवक माता जी को याद करने के लिए बोलते हैं दोहा- आखा तणू आसरो, धूप तणू प्रताप । शरणू गीगल मायरो, सब चिन्ता मिट जाए ।। 2. गीगा मंदिर गाजतां, तुरा बाजतां तूर । आसी दर्शन आपके, प्रश्न रहसी पूर।। 3. गीगाई गढव्या व्रणी, सिवरयां करज्यो साय। ऊबारया अजमेर में, इंदौखा से आय।। गीगाई माँ का पहला परचा जब आप सात वर्ष के थे दोहे के रूप में वर्णितहै जो नावद गांव में दिया , इस प्रकार है दोहा- सांप्रत बरसां सात, प्रवाडो किधों प्रथम। ...
Jai Mataji ri sa hkm mujhe yah chirja singing karwani h saa agar aapki agya ho to
ReplyDelete