Gigai Mata Chirja Lyrics

   🌹चिरजा🌹

🙏जय श्री गीगाय माँ🙏

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तर्ज=रामा रामा रटते रटते बीती रे उमरियां


गीगल गीगल गुण नित गावां

जग संकलाई छाई।

खोड़ल रो अवतार कहिजे 

मां इंन्दौखा राई,,,


जोगा तात भये बड़़भागी

बाखळ खेलत बाई।

सांपू कंवर की कोख उजाळी

अवनि मरुधर आई।

बीठू कुळ को मान बढायो

जन्म लेय जगराई 


शुक्ल पक्ष आसोज मास में

तिथि पांचम बरताई।

चिरजा गावै सेवक चरणै

सरगम साज सजाई।

जोत सुमंगल रहे नित जगती

नृपति शीश निवाई।।(2)



दूर्लभ दर्शण द्वार खेजडो़,

पात शीत परछाई।

सदेही धर रूप शगत को

शोभा बहु सरसाई।

काचो थान धोक नर धूणौ

सेवक धूप चढा़ई।(3)


इतला आय करी इंन्दौखै

तुरक हुकम फरमाई।

नगरी घेर लई मंझ नावद

गौधन गिणबा तांई

बाघ बणाया तुरंत बाछडा़

गायां बीच गीगाई।।(4)


भगत बुलावै आ भुजलम्बा

शगती कर सुणवाई 

भक्ति भाव हिये बीच भरजै

सुत पडा़ सरणाई। 

मिषण महेश चरण रज चाकर

सिंवरू नाम सदाई 5)


महेश दान मिषण कृत

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