Gigai Mata Chirja With PNG Photo

 Gigai Mata Indokha Chirja Lyrics

गीगाई माता चिरजा लिरीक्स 

श्री  गीगाई माता की चिरजा


।।टेर।। दुनियां दर्शण रे हित आवे, सुन्दर मढ. सोहणो सा 


1. सोवणो सारे जग सिरमोड़, दर्शन री लागी मनमें होड।

करे नित कवि जोड़ कर कोड,सुयश सुणावणो सा।।


2. तरवर थारो प्यारो लागे,जिणरे थान सोवणो आगे ।

 भय सब देख आपने भागे, विपद विडारणो सा।।


3. बाया मैंहन्दि मढ में घोळे,सावाण्यां चिरजावां नित बोले।

  सेवग सब चंवर हमेशा ढोळे, जोत जगावणो सा।।


4.  महिमा मन्दिर की अतिभारी, ओरण की छवि लागे मन प्यारी ।

 चमाचम रोशनी बल्बारी,शशी शरमावणो सा!!

5. विशन बीठू गुण गीगल रा गावे, हिवड़ो आनन्द सूं हरषावे ।

 शरण में नित उठ दर्शन पावे, अर्ज उच्चारणो सा।।  


दुनियां दरसण रे हित आवे, सुन्दर मढ सोवणो सा 


रचयिता- विशन दान बीठू - इन्दोखा

Post by Deepak Charan
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